ये है अमरीका में बिकने वाले कोलगेट का रेपर ....ध्यान से पढ़ें
ठीक से निचे दिया हुआ चित्र के ऊपर चेतावनी को पढ़ें ....जिसमे साफ़ साफ़ लिखा है कि इसे 12 साल की उम्र से कम के बच्चों की पहुंच से दूर रखें और मटर के दाने से अधिक मात्रा में प्रयोग नहीं करें।यदि बच्चा इससे अधिक मात्रा निगल ले तो तुरंत इमरजेंसी चिकित्सा लें। तथा जहर नियंत्रण अस्पताल जाएँ।लेकिन टीवी के एड में इससे चौगुनी मात्रा ब्रश पर लगा कर बच्चे को पेस्ट करते हुए दिखाया जाता है। डेंटिस्ट नितिन जैन के अनुसार, डेढ़ सौ ग्राम की टूथपेस्ट की ट्यूब में....140 मिलीग्राम फ्लोराइड होता है। जबकि 30 मिलीग्राम से भी कम फ्लोराइड एक नौ साल (औसत वजन 28 किलोग्राम) के बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है।
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस एंड रिसर्च (डिपसार) ने बड़ी कंपनियों के 34 टूथपेस्ट पेस्ट की जांच करने के बाद निष्कर्ष निकाला है कि लगभग सभी टूथपेस्ट कंपनियां लोगों के दांतों को बर्बाद करने में जुटी है। डिपसार के पूर्व निदेशक प्रोफेसर डॉ. एस.एस. अग्रवाल के अनुसार बाजार की सभी प्रचलित कंपनियों के टूथपेस्ट में निकोटिन की मात्रा बहुत अधिक पाई गई। निकोटीन जर्दे में पाये जाने वाला नशीला पदार्थ है, जिससे सिगरेट बनाई जाती है।
हड्डियों का झोल बिके चांदी के मोल
भारत के एक बहुत बड़े वैज्ञानिक और विशेषज्ञ के अनुसार हर ब्राण्डेड टूथपेस्ट में मरे हुए जानवरों की हडियां मिलाई जाती है। उन्होंने तो लेबोरेट्री में परीक्षण करके पुख्ता रिपोर्ट तैयार की है कि कौन से टूथपेस्ट में किस जानवर की हड्डियां मिलाई जाती हैं। इशारों में समझ जायें ये जानवर कोई भी हो सकता है। जो लोग टूथपेस्ट करते हैं वे भूल कर भी अपने को शाकाहारी न समझें। शाकाहारी जैन और हिन्दू यदि आपना धर्म बचाना चाहते हैं तो वे आज ही टूथपेस्ट का त्याग कर दें।
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