जय आरसीएम् दोस्तों........
कल यानि (9-02-2012) को आरसीएम् की न्यूज़ एक न्यूज़ चेनल टी वि इण्डिया राजस्थान पर शाम 7 बजे से 9 बजे तक पर आई.जब ये न्यूज़ शुरू हुई बहुत ही नकारात्मक तरह से शुरू हुई.लेकिन जैसे जैसे न्यूज़ आगे बढ़ी इसका रुख ही बदल गया.इसका मकसद तो आरसीएम् को बदनाम करने का था लेकिन वो कर नहीं पाए.उन्होंने खुद ही माना कि आर सी ऍम का प्लान बहुत बढ़िया है अगर कंपनी 103 करोड़ रुपये 64 लाख लोगो को देने का नजरिया रखती है आरसीएम 10000 हज़ार करोड़ का एक बहुत बड़ा अम्पायर है और देश को करोड़ों का टेक्स देती है ,और देश की बहुत बड़ी कंपनी है.उन्होंने खुद ये माना की 103 करोड़ के लिए 10000 हज़ार करोड़ की कंपनी कैसे भाग सकती है,उसे जरुरत ही नहीं भागने की.हर एड ब्रेक पर आने के बाद हर बार उनका यही कहना था कि उनकी ये रिपोर्ट पुलिसिया रिपोर्ट के आधार पर है.क्योकि उन्हें डर था की अगर हम यानि न्यूज़ चेनल वाले सीधे सीधे आरसीएम के बारे में कुछ गलत कहेंगे तो कही आरसीएम ने मान हानी का दावा कर दिया तो झेलनी भारी पड़ जायगी क्योकि आरसीएम कोई छोटी मोटी कंपनी तो नहीं है.फिर उसके बाद न्यूज़ वालों ने आरसीएम के मतवालों से बात की.न्यूज़ वालों को लगा की शायद अब कुछ नेगेटिव लोग मिल जायेंगे लेकिन ये उनकी गलत फ़हमी थी जो आरसीएम के दीवानों ने जल्द ही दूर कर दी.आप सबको ये जान कर बहुत खुशी होगी की एक भी साथी ने नकारात्मक नहीं बल्कि बहुत ही सकारत्मक ढंग से आपनी बात कही वो भी बड़े ही सभ्य तरीके से जिससे आरसीएम की शिक्षा का परिचय मिलता है.ये न्यूज़ भी राजस्थान पत्रिका से और लोकजीवन से ही प्रेरित थी.लेकिन आरसीएम के मतवालों ने न्यूज़ चेनल वालों की मनसा पर पानी फेर दिया हमें इन सब साथियों (सादफ अहमद,विष्णु,भारत लोधया,विजय तिवारी,लड्डू जी ,अशोक,आशीष,रंजन ) का धन्यवाद करना चाहिए..........हमें आप सब पर गर्व है.जीत हमारी पक्की है. जय आरसीएम............
कल यानि (9-02-2012) को आरसीएम् की न्यूज़ एक न्यूज़ चेनल टी वि इण्डिया राजस्थान पर शाम 7 बजे से 9 बजे तक पर आई.जब ये न्यूज़ शुरू हुई बहुत ही नकारात्मक तरह से शुरू हुई.लेकिन जैसे जैसे न्यूज़ आगे बढ़ी इसका रुख ही बदल गया.इसका मकसद तो आरसीएम् को बदनाम करने का था लेकिन वो कर नहीं पाए.उन्होंने खुद ही माना कि आर सी ऍम का प्लान बहुत बढ़िया है अगर कंपनी 103 करोड़ रुपये 64 लाख लोगो को देने का नजरिया रखती है आरसीएम 10000 हज़ार करोड़ का एक बहुत बड़ा अम्पायर है और देश को करोड़ों का टेक्स देती है ,और देश की बहुत बड़ी कंपनी है.उन्होंने खुद ये माना की 103 करोड़ के लिए 10000 हज़ार करोड़ की कंपनी कैसे भाग सकती है,उसे जरुरत ही नहीं भागने की.हर एड ब्रेक पर आने के बाद हर बार उनका यही कहना था कि उनकी ये रिपोर्ट पुलिसिया रिपोर्ट के आधार पर है.क्योकि उन्हें डर था की अगर हम यानि न्यूज़ चेनल वाले सीधे सीधे आरसीएम के बारे में कुछ गलत कहेंगे तो कही आरसीएम ने मान हानी का दावा कर दिया तो झेलनी भारी पड़ जायगी क्योकि आरसीएम कोई छोटी मोटी कंपनी तो नहीं है.फिर उसके बाद न्यूज़ वालों ने आरसीएम के मतवालों से बात की.न्यूज़ वालों को लगा की शायद अब कुछ नेगेटिव लोग मिल जायेंगे लेकिन ये उनकी गलत फ़हमी थी जो आरसीएम के दीवानों ने जल्द ही दूर कर दी.आप सबको ये जान कर बहुत खुशी होगी की एक भी साथी ने नकारात्मक नहीं बल्कि बहुत ही सकारत्मक ढंग से आपनी बात कही वो भी बड़े ही सभ्य तरीके से जिससे आरसीएम की शिक्षा का परिचय मिलता है.ये न्यूज़ भी राजस्थान पत्रिका से और लोकजीवन से ही प्रेरित थी.लेकिन आरसीएम के मतवालों ने न्यूज़ चेनल वालों की मनसा पर पानी फेर दिया हमें इन सब साथियों (सादफ अहमद,विष्णु,भारत लोधया,विजय तिवारी,लड्डू जी ,अशोक,आशीष,रंजन ) का धन्यवाद करना चाहिए..........हमें आप सब पर गर्व है.जीत हमारी पक्की है. जय आरसीएम............
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