चिटफण्ड कंपनियों के ऊपर सरकारी लगाम लगाने के लिए भारत की कार्पोरेट अफेयर मंत्री सचिन पायलेट एक सरकारी कार्यवाही अगले माह से शुरू करेंगे। इसके लिए एक कमिटी बनाया गया हैं। यह टीम राज्य के मुख्यमंत्र और ऑफिसर से मिलेगी और चिटफण्ड MLM कंपनियों पर कार्यवाही शुरू करेगी। पायलेट ने कहा कि हमने फ्राड कम्पनियों के लिए फायनेंस मिनिस्टर और सेबी को भी आगाह कर दिया है कि यह एक लड़ाई है चिटफण्ड और फ्राड MLM कम्पनियों के खिलाफ !पायलेट के मुताबिक इस बिषय में सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर यह बताया गया है की जल्द ही हम मिलकर इनके खिलाफ अपनी लड़ाई शुरू करेंगे ! 2012 में पकड़ी गई ऐसी बहुत सरे चिटफण्ड कम्पनियों पर कार्यवाही की जा रही है और इसके सम्बन्ध में MCA ने रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनी और रिजनल डायरेक्टर से कहा है। फ्राड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस MCA के अंतर्गत कार्य कर रहा है। डिवीज़न ऑफ़ फाइनेंसियल सर्विसेस जिसने एक अंतर मंत्रालय ग्रुप बनाया है, जो कि MCA,RBI SEBI कंजूमर अफेयर मिनिस्ट्री , और सेंट्रल इकोनामी इंटेलिजेंस ब्यूरो को रिप्रेजेन्टेटिव करेगा।
ये कम्पनियां चिटफण्ड एक्ट 1978 के अंतर्गत आती हैं, और गलत तरीके से पैसा इकट्ठा करती है एवं ज्यादा कमीशन व प्राइज देती है जब तक सेंट्रल लॉ इन्हें रेगुलेट नहीं करता तब तक यह राज्य की जिम्मेदारी है कि इन्हें पकड़े और स्टेट लॉ बनाकर इन पर रोक लगाये !
ये कम्पनियां चिटफण्ड एक्ट 1978 के अंतर्गत आती हैं, और गलत तरीके से पैसा इकट्ठा करती है एवं ज्यादा कमीशन व प्राइज देती है जब तक सेंट्रल लॉ इन्हें रेगुलेट नहीं करता तब तक यह राज्य की जिम्मेदारी है कि इन्हें पकड़े और स्टेट लॉ बनाकर इन पर रोक लगाये !
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