जन अब हमारी सुन ले पुकार, पारदर्शिता की यह बयार बहती हीं जाये, रुक्के न यार। मंथन करें, कर लें विचार, जनता की माँग आर. सी. एम. की हो बहाल जन की तलवार आर. सी. एम. की हो बहाल यह नव-संग्राम, दूषण संहार, भ्रष्टों की हार, आर. सी. एम. की हो बहाल टी. सी, बी सी और सौरभ, समरांत तक मानें न हार। कहो बार-बार, चीखो बार-बार, जन की गुहार आर. सी. एम की हो बहाल अंतिम सवाल अब आर-पार, आर. सी. एम. बहाल या मृत्युद्वार, मद्द में चिंघार, आर. सी. एम. की हो बहाल आर. सी. एम. की हो बहाल – आर. सी. एम. की हो बहाल – आर. सी. एम. की हो बहाल
जन अब हमारी सुन ले पुकार,
ReplyDeleteपारदर्शिता की यह बयार
बहती हीं जाये, रुक्के न यार।
मंथन करें, कर लें विचार,
जनता की माँग आर. सी. एम. की हो बहाल
जन की तलवार आर. सी. एम. की हो बहाल
यह नव-संग्राम, दूषण संहार,
भ्रष्टों की हार, आर. सी. एम. की हो बहाल
टी. सी, बी सी और सौरभ,
समरांत तक मानें न हार।
कहो बार-बार, चीखो बार-बार,
जन की गुहार आर. सी. एम की हो बहाल
अंतिम सवाल अब आर-पार,
आर. सी. एम. बहाल या मृत्युद्वार,
मद्द में चिंघार, आर. सी. एम. की हो बहाल
आर. सी. एम. की हो बहाल – आर. सी. एम. की हो बहाल – आर. सी. एम. की हो बहाल
रामाशीष साहू