जय आरसीएम दोस्तों,
दोस्तों आज में आप सबसे कुछ कहना चाहता हूँ.दोस्तों जब हम इस देश के बलिदानी क्रांतिकारियों जैसे महात्मा गाँधी,भगत सिंह,राज गुरु ,बिस्मिल आदि के बारे में सुनते हैं या पढते हैं तो हम सभी के अन्दर देश भक्ति की भावना हिचकोले लेने लगती है.और हर कोई यही सोचता है की काश उस ज़माने में होते तो हम भी देश के लिए अपनी जान दे देते.हम भी देश को आजाद करने के इस महान यज्ञ में अपनी आहुति दे देते.दोस्तों में भी यही सोचता हूँ की काश में भी देश के लिए कुछ कर पाता.लेकिन इतिहास ने हमें ये मौका नहीं दिया.
दोस्तों हम इतिहास तो नहीं बदल सकते लेकिन हम नया इतिहास तो बना सकते हैं .दोस्तों आज हमें एक नया और अनोखा इतिहास लिखने का मौका मिल रहा है.भगत सिंह और चन्द्रशेखर आज़ाद ने तो इतिहास रचने के लिए फांसी और गोली खाई हैं.उस वक़्त आप अपनी बात नहीं कह सकते थे इसके लिए आपको जान देनी या लेनी पड़ती थी.लेकिन आज भारत के संविधान ने हमें ऐसा अधिकार दिया है जिसके तेहेत भारत के हर नागरिक को अपने विचारो की अभिव्यक्ति और शांति पूर्ण तरिके से विरोध कर सकते हैं.संविधान के अनुसार ये सभी देश वाशियों का मौलिक अधिकार है.आज हमें किसी को मारना नहीं न खुद को फांसी लगानी है बल्कि अपने मौलिक अधिकार का सदुपयोग करना है .बहुत अफ़सोस कर लिया काश हम भी देश के काम आ पाते,हम ये कर देते हम वो कर देते.अरे अगर सच में अफ़सोस है,आज चुप मत रहें,खड़े हो जाएँ,खिलाफत करें आज मौका है भारत माँ का ऋण चुकाने का,अपने देश को आर्थिक रूप से आज़ादी दिलाने का.इसे मत गवाना.
आज हम 1 करोड़ 34 लाख एक साथ आवाज उठायें तो सच में हम इस देश को समृद्धशाली देश बना सकते हैं.बहुत सह लिया पुलिस,प्रशासन और मीडया की मनमानी को.ये लोग अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर रहे हैं.ये लोग भूल गए हैं की ये अधिकार भी जनता जनार्धन ने ही दिए हैं.इतिहास गवाह है की इसी जनता का जब जब षोसन किया गया जब जब इस पार जुल्म हुय इसने बड़े बड़े तानाशाहों को गद्दी से नीचे उतार कर हमेशा हमेशा के लिए खामोश कर दिया.
.हमें शांतिपूर्ण तरिके से अपनी बात कहनी है और अपनी ताकत का शक्ति प्रदर्शन भी करना है वो भी बहुत ही सभ्य तरिके से,आरसीएम की मर्यादा और शिक्षा को ध्यान में रखते हुय हमें अनुशासन का भी परिचय देना है.अब सही में वो मौका आ गया है जब हम सबको एक जुट हो कर ये लड़ाई लड़नी है.अब ये लड़ाई अंतिम चरण की है.हमें पूरी ताकत लगा देनी चाहिए.ज्यादा से ज्यादा साथी सेवकों को इस अभियान में शामिल करना है.आरसीएम के सेवकों ने अब तक बहुत सरे रिकोर्ड बनाये हैं बहुत से नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं.आप सबको पता है की अब आरसीएम के मतवालों और दिवानो को रिकोर्ड तोड़ने की आदत बन गई है.मुझे पूरा विस्वास है की इस बार भी ऐसा ही होगा एक नया रिकॉड हम आरसीएम के सेवक बनायेंगे.ज़माने को दिखाना है ज़माने पर छाना है.जो भी तारीख सुनिचित हो बस अपनी तैयारी रखें जीत हमारी पक्की है क्योकि सच को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं............
POSTED BY- ABHISHEK DWIVEDI
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